काव्य संग्रह
राष्ट्रकवि दिनकर की अमर कविताओं और काव्य संग्रहों का संकलन
प्रसिद्ध कविताएं
सिंहासन खाली करो कि जनता आती है
लोकतंत्र और जनता की शक्ति पर आधारित प्रसिद्ध कविता
प्रसिद्ध
सिंहासन खाली करो कि जनता आती है। तुम्हारी गद्दी का समय अब जाता है।। अब तक जो सोते रहे, वे जगते हैं, अब तक जो मरते रहे, वे जीते हैं।।
संग्रह: कुरुक्षेत्रवर्ष: 1946
वीर तुम बढ़े चलो
वीरता और साहस की प्रेरणा देने वाली कविता
प्रसिद्ध
वीर तुम बढ़े चलो, धीर तुम बढ़े चलो। सामने पहाड़ हो कि सिंह की दहाड़ हो। तुम निडर डरो नहीं, तुम निडर डरो नहीं।।
संग्रह: हुंकारवर्ष: 1938
क्षमा शोभती उस भुजंग को
क्षमा और शक्ति के संतुलन पर आधारित प्रसिद्ध पंक्तियां
प्रसिद्ध
क्षमा शोभती उस भुजंग को जिसके पास गरल हो। उसको क्या जो दंतहीन, विषरहित, निर्बल हो।।
संग्रह: रश्मिरथीवर्ष: 1952
काव्य संग्रह
रेणुका
प्रकाशन वर्ष: 1935
दिनकर जी का प्रथम काव्य संग्रह जो उनकी युवावस्था की रचनाओं का संकलन है।
मुख्य कविताएं:
- हिमालय
- सूर्य
- चांदनी
- प्रणय गीत
हुंकार
प्रकाशन वर्ष: 1938
राष्ट्रीय चेतना और क्रांतिकारी भावनाओं से भरपूर काव्य संग्रह।
मुख्य कविताएं:
- वीर तुम बढ़े चलो
- हिमालय
- मातृभूमि
- स्वतंत्रता
रसवंती
प्रकाशन वर्ष: 1939
प्रेम और सौंदर्य की अभिव्यक्ति करने वाला काव्य संग्रह।
मुख्य कविताएं:
- प्रेम गीत
- सौंदर्य
- यौवन
- मधुर मिलन
द्वंद्वगीत
प्रकाशन वर्ष: 1940
मानवीय संघर्ष और द्वंद्व की अभिव्यक्ति करने वाली कविताएं।
मुख्य कविताएं:
- संघर्ष
- द्वंद्व
- जीवन संग्राम
- आत्मा की पुकार
सामधेनी
प्रकाशन वर्ष: 1947
स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद की भावनाओं का चित्रण।
मुख्य कविताएं:
- स्वतंत्रता गीत
- नया भारत
- आजादी
- राष्ट्र गौरव
बापू
प्रकाशन वर्ष: 1947
महात्मा गांधी के व्यक्तित्व और कृतित्व पर आधारित काव्य।
मुख्य कविताएं:
- बापू
- अहिंसा
- सत्याग्रह
- राष्ट्रपिता
काव्य के मुख्य विषय
🇮🇳
राष्ट्रीयता
देशप्रेम और राष्ट्रीय चेतना की अभिव्यक्ति
⚔️
वीरता
साहस, पराक्रम और वीरता की प्रेरणा
प्रेम और सौंदर्य
प्रेम, सौंदर्य और मानवीय भावनाओं का चित्रण
⚖️
सामाजिक न्याय
समानता, न्याय और सामाजिक सुधार के स्वर